Financial Frauds: सीनियर सिटीजन को निशाना बना रहे हैं स्कैमर्स, इन तरीकों से लूट रहे हैं पैसे, जानें कैसे रह सकते हैं सुरक्षित
साइबर सिक्योरिटी और स्कैमिंग आजकल एक जरूरी टॉपिक बन गया है क्योंकि आए दिन हम ऐसी घटनाओं के बारे में सुनते हैं जो लोगों को फंसाने या उनको ऑनलाइन ठगने के बारे में होती है। फिलहाल एक नई जानकारी सामने आई है जिससे पता चला है कि फ्राडर्स सीनियर सिटीजन को भी टारगेट कर रहे हैं। आइये जानते हैं कि आप कैसे इससे सुरक्षित रह सकते हैं। बीते कुछ सालों में टेक्नोलॉजी काफी विकसित हो गई है। जहां पहले हम 2G का इस्तेमाल करते हैं, वहीं अब 5G ने इसे नए स्तर पर पहुंचा दिया है। अब एक क्लिक और टैब के साथ आपके जरूरी से जरूरी काम मिनटों में हो जाते हैं। ग्रॉसरी शॉपिंग से लेकर ट्रेन टिकट बुक करने तक हर चीजें अब आपके स्मार्टफोन की मदद से हो सकती है। भले ही टेक्नोलॉजी के विकास ने हमें ऊंचाईयों पर पहुंचाया है, लेकिन इसके साथ भी कुछ नुकसान सामने आएं है। बढ़ती टेक्नोलॉजी स्कैमर्स को भी बेहतर तरीके का इस्तेमाल कर लोगों को ठगने का ऑप्शन देती है।
बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड्स
- बढ़ती टेक्नोलॉजी ने स्कैमर्स को लोगों को फंसाने के लिए कई बेहतर ऑप्शन दिए है, जिसमें Ai, डीपफेक जैसे कई उदाहरण शामिल है।
- इसका सबसे ज्यादा नुकसान आम जनता को होता है, क्योंकि वे अपना डेटा और कुछ जरूरी डिटेल सोशल मीडिया आदि पर शेयर करते हैं। अगर हैकर्स उन प्लेटफॉर्म को निशाना बनाते हैं तो यूजर्स का सारी डेटा उनके पास चला जाता है।
- हालांकि बदलते समय के साथ लोग भी स्मार्ट हो गए है, लेकिन अभी भी सीनियर सिटीजन इन स्कैमर्स के झांसे में आ जाते हैं, जिस कारण उनको भारी नुकसान हो जाता है।
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कैसे झांसे में लेते हैं स्कैमर्स
- जैसा कि हम जानते हैं कि स्कैमर्स सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन को निशाना बनाते हैं। इसका सीधा कारण यही है कि वे ज्यादा टेक्नो फ्रेंडली नहीं होते है , जिस कारण उनको झांसे में लेने आसान हो जाता है।
- ज्यादातर मामलों में फ्रॉडर्स कुछ सुधार करने के बहाने उनकी प्राइवेट जानकारी मांगते है, जिसमें डेबिट या क्रेडिट कार्ड नंबर, डेट ऑफ बर्थ , पासवर्ड और ओटीपी जैसी डिटेल्स शामिल है।
- इन जानकारियों को हासिल वे लाखों रुपये चुरा लेते हैं, जिनके बारे में काफी लंबे समय तक पीड़ित को पता ही नहीं चलता है।
- सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाकर भी सीनियर सिटीजन को ठगने के कुछ मामले सामने आएं है, जिसमें स्कैमर्स यूजर्स के प्राइवेट डेटा की मांग करते हैं।
- इसके अलावा कुछ मामलों में यह भी बात भी सामने आई है कि ,स्कैमर्स लाइफ इंश्योरेंस, केवाईसी वेरिफिकेशन और फ्री गिफ्ट का झांसा देकर लोगों को फंसाते है।
इन बातों का रखें ध्यान
- अपनी जरूरी और संवेदनशील जानकारी किसी से भी साझा ना करें।
- बैंकिंग कर्मचारी आपको किसी पर्सनल मोबाइल से फोन नहीं करते हैं और न पिन, कार्ड डिटेल जैसी कोई भी जानकारी मांगते है।
- किसी भी अनजान सोर्स से आई किसी भी लिंक पर क्लिक ना करें।
- अगर ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं तो प्लेटफॉर्म की अच्छे से जांच करें और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन डिटेल भरने से बचें।
- सोशल मीडिया पर किसी से भी अपनी डिटेल्स शेयर ना करें।
- इमेल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मल्टी स्टेप वेरिफिकेशन से सिक्योर रखें।